Tuesday 6 September 2022

छंद रतन सम्मान ले सम्मानित होइस- छंदकार धनेश्वरी सोनी गुल





छंद रतन सम्मान ले सम्मानित होइस- छंदकार धनेश्वरी सोनी गुल



 *बरवै छंद संग्रह* छत्तीसगढ़ी मा  राजनांदगांव मा स्थापना दिवस समारोह मा विमोचन होइस  जेमा खैरागढ विश्वविद्यालय के सम्माननीय श्री राजन सर आदरणीय श्री अरुण निगम बिलासपुर ले डा, विनोद कुमार वर्मा, आदरणीय पी सी लाल जी कश्यप समाज के अध्यक्ष के उपस्थिति मा होइस जेखर समीक्षा आदरणीय ज्ञानू जी पढिन अउ गुल के कुण्डली या के विमोचन इहे होइस अउ जेखर समीक्षा ल आदरणीय विजेद्र वर्मा जी पढिन ।

आशा जी इंद्राणी जी बसंती वर्मा सोभा मोहन श्रीवास्तव , मीता जी नीलम जयसवाल बोधन जी उमाकांत अश्वनी आदि के उपस्थिति रहिस 🙏🙏

धनेश्वरी सोनी गुल 

छंदकार लेखिका

धनेश्वरी सोनी गुल के-सवैया छंद संग्रह के होइस विमोचन




 धनेश्वरी सोनी गुल के-सवैया छंद संग्रह के होइस विमोचन


*सवैया छंद संग्रह* छत्तीसगढ़ी मा  पुस्तक के विमोचन रायपुर मा राजभाषा स्थापना दिवस के दिन होइस 14/8/22के दिन  बिहनिया रायपुर के सभागार मा जेमा माननीय मंत्री जी अमरजीत भगत सिह संस्कृति मंत्री के कर कमल ले होइस अउ पहुना रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति वर्मा जी ,महान कवि नदा जही के गवइया मीर अलि मीर जी , राजभाषा के आदरणीय सचिव महोदय श्रीअनिल भतपहरी सर जी बघे मैडम जी के मंचासीन मा होइस हवय अउ मंत्री जी ले *साहित्य मया चिन्हारी* सम्मान मिलिस हवय मोर बर अबड गरब के बात आय । अउ शरदद ,अजय , अश्वनी जी, गुप्ता जी मीता जी माणिक जी शत्रुहन जी, सपन सिन्हा जी, चंद्रशेखर जी ,आदि सबो के उपस्थिति रहिस सबो अशीष मिलिस। सवैया मा भूमिका गुरुदेव श्री अरुण निगम के लिखे हावँय जेमा कहे हे धनेश्वरी सोनी पहिली महिला साहित्यकार छत्तीसगढ़ के बेटी आय जेहर सवैया संग्रह 300छत्तीसगढी मा लिखके पुस्तक रूप देहे है प्रथम महिला साहित्यकार  बने के सौभाग्य पाय हे तेकर बर गुरुदेव के बधाई पाँय हव अउ अतके नही दावा भी करथे भारत म भी पहिली हो सकथे पहिली मिला छत्तीसगढ़ी मा संघरे के आज के तारीख मा । तव गुरुदेव चरण मा बार बार पयलगी जेन मोला आशीष दिन ।अउ आदरणीय सर ज्ञानू जी आदरणीय सर बोधनराम अउ दीदी आशा जी के भी भूमिका सँघरे हवय । 


कृति कला साहित्य परिषद बिलासपुर जाँजी सीपत डहर ले सारस्वत सम्मान से सम्मानित होइस धनेश्वरी सोनी गुल


 

कृति कला साहित्य परिषद बिलासपुर जाँजी सीपत डहर ले सारस्वत सम्मान से सम्मानित होइस धनेश्वरी सोनी गुल


तिथि---

जेमा ए सी सी एल के महा पप्रबंधक मुख्य अतिथि ,विनय पाठक विशिष्ठ अतिथि, मीर अली मीर ,जी के उपस्थिति मा मिले हवय  अगाध। खुशी मिलिस क ई जिला के मनखे समाय रहिन जाँजगीर बिलासपुर कोरबा रायगढ मुगेली आदि मोर बर गर्व के बात आय के मोला सम्मानित करिन अउ मोर कविता पसंद आइस अउ लेखनी के मान बढि़स 



छंदकार धनेश्वरी सोनी गुल अयोध्या में सम्मानित हुई





 छंदकार धनेश्वरी सोनी गुल अयोध्या में सम्मानित हुई-9 अप्रैल 2022

राम पथ गमन अयोध्या में विमोचित सुंदरकांड छत्तीसगढ़ी और हनुमान चालीसा छत्तीसगढ़ी जिसमें *छत्तीसगढ़ तुलसी सम्मान* से सम्मानित किया गया मंचासीन श्रीहरिओम पवार जाने माने कवि , राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष जगदीश मित्तल जी , बत्रा सर रायपुर से महेश सर आदि की उपस्थिति रही और क ई जिले पप्रदेश से नामी कवि की उपस्थिति रही 


गुरु चोवाराम वर्मा बादल जी को मिला पन्ना लाल नामदेव स्मृति सम्मान(5 सिम्बर 2022)









 
गुरु चोवाराम वर्मा बादल जी को मिला पन्ना लाल नामदेव स्मृति सम्मान(5 सिम्बर 2022)


Monday 5 September 2022

एनटीपीसी कोरबा की कवियत्री आशा देशमुख को छंद रतन अवार्ड से सम्मानित किया।






 राजनांदगांव म छंद चंदैनी के होइस विमोचन

 *मोर अनुभव अउ भाव ,मनोदशा*


गुरु के महिमा ल तो शेष शारद नई कर सकय
तो मोर का हस्ती।
गुरुदेव ला कोटिशः नमन

राजनांदगांव के पावन भुइयां ला कोटिशः प्रणाम करत हँव।
जेन मोर साहित्य के नवा अध्याय लिख दिस।

उहाँ पहुँचते ही सब भाई मन के चित्त परिचित चेहरा देख के मन खुश होगे।
अइसे लागत रहिस कि मोर मइके के भाई बहिनी कुटुंब कबीला से मिलत हँव।
निर्मल अगाध मया श्रद्धा देखके अइसे लागत हे कि सात समुंदर के रतन मन ला मोर अँचरा में गठियाय हँव।

राजनांदगांव के कार्यक्रम तो अविस्मरणीय है ही।
लेकिन उहाँ के सबो आर्गेनाइजर साधक भाई बहिनी के श्रद्धा देखके मन गदगद होगे।
हमर भाई मन के कार्य ततपरता के जतका तारीफ करे जाय कम ही हे।

अउ भोजन तो अमृत सरीखे रहिस।
शायद अइसने प्रेम श्रद्धा से बनाये जिनिस ल ही मोर ख्याल से अमरित के उपमा मिले हे।

अइसन खुशी तो फाईव स्टार  होटल में भी नई मिल सकय ,जिंहा पैसा ही बोलथे।
मया ,दया ,सुमता के संउहत जमावड़ा देखके आँखी ले श्रद्धा के आँसू अभी भी लिखत समय झरत हे।
अब कतिक ल बखान करौं भाई बहिनी हो।
कोंदी ला गुड़ खवा के पूछहु
तब वो का जवाब दिही।
वोखर जवाब तो आँखी अउ मन के भाव ही दे सकत हे।

एक बात मोला वो दिन चरितार्थ होय कस लागिस

कबीरदास जी के दोहा के

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूँ पाय।
बलिहारी गुरु आपने,  गोविंद दियो बताय।।

ये कथन मोला आदरणीय प्रोफेसर श्री राजन यादव जी के वक्तव्य सुनके चरितार्थ कस लागिस।
उनमन ला सुनके मन नई भरे हे।
अउ दो चार घण्टा भी सुनतेंव तो भी शायद कम ही हे।
अइसन व्यक्तित्व के दर्शन मात्र भी सौभाग्य हे लागत हे।

हर साधक भाई बहिनी मन के मया तो बखान करे ही नई जा सकय।
जिंखर श्रद्धा मान मया से छंद चंदैनी बगर गे।


आशा देशमुख
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 *छंद चंदैनी बगर गे* 
छंद के छ परिवार के अविस्मरणीय आयोजन- राजनांदगाँव के आदिवासी मंगल भवन मा
दिनाँक 22/05/2022 दिन रविवार के "छन्द के छ" के स्थापना दिवस कार्यक्रम सम्पन्न होइस। कार्यक्रम में प्रदेश  भर के 27 जिला के लगभग दो सौ ले आगर  छन्द साधक, कलमकार मन संघरे रहिन। कार्यक्रम के माई पहुना प्रो.राजन यादव जी, इंदिरा गांधी संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ रहिन, अध्यक्षता करिन श्री नीलकंठ गढे जी, राष्ट्रीय महासचिव केन्द्रीय गोंड महासभा छ.ग.और खास रहिन डॉ. विनोद कुमार वर्मा वरिष्ठ साहित्यकार , व्याकरणविद् - बिलासपुर, श्री विरेन्द्र बहादुर सिंह जी, श्री कुबेर साहू जी और छन्द के छ के संस्थापक गुरुदेव श्री अरुण कुमार निगम जी। 
        तीन सत्र मा आयोजित ए कार्यक्रम के पहली सत्र के शुभारंभ छत्तीसगढ़ी भाखा महतारी के तैलचित्र मा माल्यार्पण अउ पूजा अर्चना, महतारी भाखा के वंदना के संग होइस। छंद परिवार के उद्घोषक श्री अजय अमृतांशु जी के बँधाय, लच्छादार  अकादमिक संचालन मा अतिथि मन  के स्वागत,अभिवादन,अभिनन्दन  छंद परिवार अउ  राजनाँद गाँव के छंद साधक मन पुष्प माला तिलक चंदन ले करिन| सबो पहुना मन के सत्कार के बाद पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम सम्पन्न होइस, जउन मा ओसरी पारी आठ किताब मन  के विमोचन होइस।सात काव्य अउ एक गद्य,  ए मन हवँय -: 
   छन्द चंदैनी - *आशा देशमुख,* जयकारी जनउला अउ फुरफुन्दी - *कन्हैया साहू 'अमित',* छन्द बगीच्चा - *रामकुमार चंद्रवंशी,* बरवै छन्दकोठी अउ गुल की कुण्डलिया - *धनेश्वरी सोनी 'गुल',* बहुरिया( गद्य ) - *चोवाराम वर्मा 'बादल'* अउ आखिर मा विमोचित कृति-
 तैं तो पूरा कस पानी उतर जाबे रे - शोभामोहन श्रीवास्तव। कृति मन के संबंध मा कृतिकार अउ  एक-एक विद्वान वक्ता के द्वारा अपन विचार रखे गइस । कृतिकार मन अपन कृति ले जुड़े एक एक रचनापाठ के संग अपन अपन संक्षिप्त उद्बोधन दिन।      

             कार्यक्रम के दूसर सत्र  सम्मान समारोह के रहिस। 'छन्द के छ' परिवार (आनलाईन गुरुकुल) *छत्तीसगढ़ी भाखा साहित्य के सेवा बर*  छत्तीसगढ़ी भाखा मा छन्दबद्ध संग्रहणीय किताब प्रकाशन खातिर कलमकार मन ला ' *छन्द रतन' सम्मान* प्रदान करिन हे सम्मान समारोह में 'छन्द रतन' जैसे गौरवपूर्ण सम्मान प्राप्त करवइया छन्दसाधक, कलमकार हे- आशा देशमुख जी कोरबा *(छन्द चंदैनी),* कन्हैया साहू 'अमित' जी भाटापारा- ( *जयकारी जनउला* ), मनीराम साहू 'मितान' जी सिमगा - ( *महापरसाद),* बोधनराम निषादराज 'विनायक' जी कबीरधाम( *अमृतध्वनि छन्द),* जगदीश हीरा साहू जी (छन्द संदेश),रामकुमार चंद्रवंशी जी राजनांदगांव ( *छन्द झरोखा, छन्द बगीच्चा),* और धनेश्वरी सोनी 'गुल' जी( *गुल की कुण्डलिया, बरवै छन्दकोठी* )।
             *तीसर सत्र के शुरुवात गुरुदेव श्री अरुण कुमार निगम जी के परिचयात्मक उद्बोधन अउ  आशीर्वचन ले होइस।* छंद के छ किताब के विमोचन -2016 के दिन ले शुरु होय आंदोलन हर आज हमर पुरा प्रदेश, देश अउ  बिदेश मा घलो बगर गे हे|अउ छंदकार मन के छंद मय प्रस्तुतिकरण ले छत्तीसगढ़ी भाखा, साहित्यहर  हर पोठ होवत दमकन लगे, जगजगावन लगे हे|
 *गुरुदेव निगम जी कहिन,अहंकार भाव के संग सच्चा साधना नइ हो सकय। साधना के मूल्याकंन हमेशा भविष्य करथे । वर्तमान के द्वारा किए जावत व्यवहारिक प्रसंशा, ताली आदि जादातर मृगतृष्णा ही साबित होथे, जेमें पड़े ले साधना मा बाधा ही उत्पन्न होथे ।* साहित्य साधक के रूप मा कालजयी केवल दो पंक्ति ही हर  साधक ला अमर कर देथे । ' *छन्द के छ' आनलाईन गुरुकुल के मूल मंत्र हे सीखबो अउ सिखाबो, छंद ज्ञान पाबो अउ बांँटबो ,बगराबो, महतारी भाखा पोठ  होही। ए तरह  सीखत सिखावत हर छन्द साधक शिष्य हे अउ गुरू घलो आए।* 
इही सत्र मा छंद परिवार के दस
बुधियार अउ वरिष्ठ छंदकार मन के बेहतरीन प्रस्तुतिकरण हर अल्हादित करत, मनत्रमुग्ध कर दिहिन| ए ओरी मा  श्री जितेंद्र वर्मा खैरझिटिया जी के संचालन मा श्री दिलिप वर्मा बइगा जी भाठा पारा बलौदाबाजार, श्री बलराम चंद्राकर जी भिलाई , श्री सुखदेव सिंह अहिलेश्वर जी कवर्धाकबीरधाम, श्री चोवाराम वर्मा "बादल" हथबंद बालौदाबाजार , गुरुदीदी आदरणीया आशा देशमुख जी कोरबा,दीदी बासंती वर्मा जी बिलासपुर,उमाकांत टैगोर जांजगीर चांपा, राम कुमार चौधरी राजनांदगाँव,  दीदी शोभा मोहन श्रीवास्तव दुर्ग मन अपन सुमधुर  प्रस्तुती दिहिन 
       फेर भोजन के बाद मा अजय अमृतांशु जी , श्री जितेन्द्र वर्मा खैरझिटिया जी , श्री ईश्वर साहू 'आरुग',श्री कौशल कुमार साहू, अश्वनी कोसरे 'रहँगिया' और धनेश्वरी सोनी 'गुल' के बारी-बारी शानदार संचालन मा संझौती मुँधियार होवत ले छन्दमय काव्यपाठ के ओरी सरलग चलिस। बीच - बीच मा अतिथि मन के उद्बोधन ले सभासदन हर अनमोल ज्ञान अउ जिनगी बर सीख, बहुमूल्य मोती असन साहित विमर्श ,विचार भाव पावत रहिन।
छत्तीसगढ़ी व्याकरण उपर अपन विमर्श रखत डाॕ विनोद कुमार वर्मा जी मन कहिन छत्तीसगढ़ी भाषा मा लिंग के कउनो समस्या नइ हे | कन्फर्म शब्द ल उदाहरण देवत कइ भाषा मा लिंग संबंधी दोष ला निरुपित करत सार तथ्य मन ला रखिन| 
      **माई पहुना डाॕ राजन यादव जी* 
अपन बात रखत **छत्तीसगढ़िया लोक छंद ,लोक धुन अउ शास्त्रीय छंद के राग ,गति मा साम्यता ल मिलावत कई उदाहरण ले महतारी भाखा के समृद्धि अउ  बिराजे विरासत साहित के बखान करिन| लयबद्धता*  अउ माधुर्य , लालित्य के का महत्व हे साहित अउ छत्तीसगढ़ी गीत मा ए बात ला रेखांकित करत छत्तीसगढ़ के साहित विभूति पुरखा कलम कार मन ला पढ़े के प्रेरणा देवत, दलित जी, डाॕ हरि ठाकुर, विप्र जी, दानेश्वर शर्मा जी
मन के गीत मन के भाव व्यंजना ला दर्शावत कविता मन के सस्वर वाचन करिन|* 
  खास पहुना वरिष्ठ साहित्यकार
श्री कुबेर साहू जी हर अपन उद्बोधन मा छत्तीसगढ़ी गद्य विधा के बात करत निबंध आलेख संस्मरण कहानी आदि के महत्व ल अभिव्यक्त करिन|* 
         अध्यक्षता करत जिला आदिवासी गोड़ सभा के माननीय अध्यक्ष श्री नीलकण्ठ  गढ़े जी हर कवि मन के छंद बद्ध कविता छंद गीत के प्रशंसा करत कहिन अइसन अद्भूत प्रस्तुतिकरण ला सुन के अभिभूत होगँय अउ सदैव अइसन आयोजन बर आदिवासी मंगल भवन ला देहे बर कहिन|
 संस्कारधानी मा आयोजित ए गौरवपूर्ण आयोजन मा कबीरधाम जिला ले श्री ज्ञानुदास मानिकपुरी,श्री सुखदेव सिंह अहिलेश्वर,श्री बोधनराम निषादराज, श्री डी.पी.लहरे मौज, अश्वनी कोसरे रहँगिया, देवचरण धुरी, श्री रमेश कुमार चौरिया और कमलेश प्रसाद शरमाबाबू ,मन अपन सहभागिता देहिन अउ रचनापाठ करिन,संगे मा कवर्धा ले रामकुमार साहू जी, घनश्याम कुर्रे अलकरहा जी, हेम साहू मास्टर जी,रिखी राम दूजहा जी मन घलो संघरे रहिन। 
            कार्यक्रम के गरिमापूर्ण  सफल संयोजन ले राज भर मा छंद के चंदैनी हर बगर गय| श्री महेन्द्र कुमार बघेल, ओमप्रकाश 'अंकुर', श्री रामकुमार चंद्रवंशी के संग जिला राजनांदगाँव के छन्द साधक मन के संयोजन ले ए आयोजन हर अपन सबके  मया दुलार पावत सफल होइस।छंद परिवार के वरिष्ठ साधक श्री महेंद्र बघेल जी हर कार्य क्रम के समापन मा  आभार अभिवादन व्यक्त करिन| राजनाँदगाँव के सबो साधक मन ला सफल अउ बड़  सुग्घर आयोजन बर कोटि कोटि हार्दिक बधाई, साधुवाद  |

अश्वनी कोसरे रहँगिया
कवर्धा कबीरधाम
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 एनटीपीसी कोरबा की कवियत्री
आशा देशमुख को छंद रतन अवार्ड से सम्मानित किया।

श्री अरुण कुमार जी द्वारा संचालित ऑनलाइन गुरुकुल की साधिका आशा देशमुख की छंद चंदैनी पुस्तक का विमोचन संस्कारधानी राजनांदगांव में इंदिरा कला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्री राजन यादव जी के कर कमलों से हुआ।
इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में श्री नीलकंठ गढ़े जी राष्ट्रीय महासचिव केंद्रीय गोड़ महासभा,और व्याकरणविद श्री विनोद कुमार वर्मा जी कृषि वैज्ञानिक ,श्री कुबेर सिंह जी,श्री वीरेंद्र बहादुर सिंह जी
एवम गुरुकुल के संस्थापक श्री अरुणकुमार निगम जी की गरिमामयी उपस्थिति से पूरी सभा अभिभूत थी।

*आशा देशमुख जी की प्रथम कृति छंद चंदैनी*
पूरी धरती पर बिखर रही है।
ये छत्तीसगढ़ी भाषा मे लिखी गयी किताब है जो अनेक छंदों की छटा इनकी रचनाओं में दिख रही है।

गुरुकुल के 200 साधक लोगो की उपस्थिति इस कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए।

अत्यंत गौरवमयी सफलता के लिए
आशा देशमुख को बधाईयों भरा स्नेह आशीष मिल रहा है।




 

बागबाहरा: *सुरता में सम्मान*( छंद के छ परिवार के-जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"सम्मानित)

 
































बागबाहरा: *सुरता में सम्मान*( छंद के छ परिवार के-जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"सम्मानित)


छत्तीसगढ़ के ख्यातिप्राप्त दिवंगत साहित्यकार मेहतर राम साहू की पुण्यतिथि में *सुरता* सम्मान समारोह और साहित्य सम्मेलन का गरिमामयी आयोजन 25 दिसंबर शनिवार को बागबाहरा में सम्पन्न हुआ।

     साहित्य ,कला और संस्कृति के  संवर्धन और नव कलमकारों को दिवंगत साहित्यकारों के नाम से सम्मान किये जाने का यह शानदार 11 वाँ वर्ष था। स्व.मेहतर राम साहू की स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के ख्यातिनाम साहित्यकार डॉ बिहारी लाल साहू रायगढ़ मुख्य अतिथि थे। विशेष अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध गीतकार रामेश्वर शर्मा जी रायपुर, प्रसिद्ध व्यंगकार  स्वराज्य करुण पिथौरा, प्रसिद्ध गजलकार अशोक शर्मा महासमुंद एवं देश की प्रतिष्ठित पत्रिका सर्वनाम के संपादक रजत कृष्ण उपस्थित थे।

       सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा माता सरस्वती और छत्तीसगढ़ महतारी के तैलचित्र में पूजन अर्चन और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का श्री गणेश किया गया। तत्पश्चात आयोजन समिति के कार्यकारिणी द्वारा अतिथियों का स्वागत अभिनन्दन किया गया। तदुपरांत कार्यक्रम के उद्देश्यानुसार छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के सशक्त साहित्यिक हस्ताक्षरों को दिवंगत साहित्यकारों के नाम से सम्मान प्रदान किया गया।

             सम्मान की कड़ी में दिवंगत साहित्यकारों और सम्मानित साहित्यकारों का व्यक्तित्व कृतित्व का पठन किया गया। जिसमें सुरता सम्मान 2021 में स्व मेहतर राम साहू सम्मान प्रवीण प्रवाह पिथौरा को उनके उल्लेखनीय साहित्य सेवा और छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत फ़िल्म भूलन द मेज के टाइटल सॉंग के लिए दिया गया । इसी भाँति छःत्तीसगढ़ के साहित्य सितारे डॉ नारायण लाल परमार सम्मान अभनपुर के निवासी व दक्षिण कोसल टुडे के संपादक ललित शर्मा को प्रदान किया गया। छत्तीसगढ़ी में रामायण लिखने और अन्य सभी विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर डॉ प्रभंजन शास्त्री सम्मान लोकनाथ साहू बालोद को, पूर्व प्राचार्य और संस्कृति कर्मी प्रसिद्ध व्यंग्यकार स्व हरिकृष्ण श्रीवास्तव रसिक सम्मान  लखन लाल साहू मोखला राजनांदगांव को ,सुप्रसिद्ध भाषाविद स्व.बी. बी दुबे सम्मान सुश्री शुभांगी ठाकुर को पत्रकारिता के लिए, प्रसिद्ध खेल शिक्षक स्व बी.सी.दास सम्मान जितेंद्र वर्मा खैरझिटिया कोरबा को,बागबाहरा के प्रसिद्ध गजलकार भजन लेखक पी एल कोरी सम्मान श्रीमती सुमन शर्मा बाजपेयी रायपुर व स्व शांता देवी सेन सम्मान छंद साधिका श्रीमती इंद्राणी साहू भाटापारा को प्रदान किया गया।

       संपूर्ण छत्तीसगढ़ से पधारे अतिथियो द्वारा स्व.मेहतर राम साहू की साहित्यिक यात्रा और योगदान के ऊपर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई साथ ही आगंतुक कवियों द्वारा शानदार काव्य पाठ कर कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान किया गया।

        उक्त आयोजन में प्रमुख रूप से अन्यान्य जिले भर से साहित्यकार उपस्थित रहे जिसमें वीरेंद्र सरल मगरलोड ,ईश्वर साहू साजा , अजय अमृतांशु भाटापारा, मनीराम मितान ,घनश्याम कुर्रे ,रिखी राम धुर्वे , रामकुमार साहू ,मिनेश साहू , कुलेश्वर दास कबीर धाम गंडई , श्रवण साहू ,वीरेंद्र साहू ,पुरषोत्तम चक्रधारी ,प्रदीप कुँवरदादा ,हीरा लाल साहू ,कमलेश कौशिक ,खोवा लाल बिसेन ,शीतल ध्रुव राजिम-पांडुका , बंटी छत्तीसगढ़ीहा ,उत्तरा कुमार पिथौरा , मोहन मयारू, बी आर साहू ,जगत भूमिल,सुरेंद्र अग्निहोत्री , श्लेष चंद्राकर , श्रीमती द्रोपती सरसिज , सुजाता साहू ,जितेश्वरी साहू ,मनोज यादव पुलस्त्य साहू ,सिद्धू , अजय शेखर नेताम,जय राम पटेल,जी एल साहू  महासमुंद ,डोलामणि साहू ,गणेश देवदास ,धनी राम नन्द ,नर्मदा दीवान पिथौरा आदि ने कविता पाठ किया।

      कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र मानिकपुरी व रूपेश्वर तिवारी ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नगर के वरिष्ठ सी पी तिवारी , अविनेश कोशे , पोखराज साहू,जीतराम साहू, गिरीश श्रीवास्तव, उल्लास दास , सालिक राम साहू, राजेश सोनी ,लक्ष्मी सोनी , राजेश चंद्राकर , ध्रुवंशी जी उपस्थित रहे।

         उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने स्व मेहतर राम सृजन संस्थान के हबीब खान समर , डॉ विकास अग्रवाल , रामशरण साहू,अजय अटपटू, अनुराग द्विवेदी ,डिगेश्वर अलकरहा ,केतन साहू , लोकेश दीवान ,सपन डहरवाल, सुनील कोरी ,डिमान सेन,बालेश साहू ,प्रेम साहू ,मिलन साहू ,शेखर साहू ,निरंकार चंद्राकर, पवन चंद्राकर, पुरणेंद्र चंद्राकर का योगदान रहा । संस्था के अध्यक्ष धनराज साहू द्वारा सभी आगंतुक अतिथियो व साहित्यकारों के साथ उपस्थित श्रोताओं का आभार प्रकट किया गया। बाहर से पधारे साहित्यकारों ने बागबाहरा के मंदिर व प्राकृतिक दृश्यों के भी आनंद लिए।