छंद के छ परिवार ले जुड़े के मोर अनुभव
छंद के छ परिवार छत्तीसगढ़ के सत्र -12 म अभी अनुभव साझा सप्ताह चलत हे. ये मोर लेख ह ओकरे ले संबंधित हावय
आदरणीय गुरुदेव अरुण कुमार निगम जी, गुरुदेव राम कुमार चंद्रवंशी जी, गुरुदेव महेन्द्र कुमार बघेल मधु जी, गुरुदेव जितेन्द्र वर्मा जी, गुरुदेव चोवा राम वर्मा जी,गुरुदेव दीदी आशा देशमुख जी, गुरुदेव बलराम चंद्राकर,गुरुदेव ज्ञानु मानिकपुरी जी सहित सबो गुरुदेव, गुरु दीदी मन ल सादर प्रणाम करत हंव. जम्मो छंद साधक संगवारी मन ल जय जोहार हे.
सबले पहिलि मंय ह गुरुदेव अरुण कुमार निगम जी अउ गुरुदेव जी मन ले क्षमा चाहता हवं कि अपन अनुभव साझा करे बर देरी कर पड़ेंव. मोला माफी देहू.
फेसबुक, व्हाट्सएप के माध्यम ले मंय ह छंद के छ परिवार के सोर ल जानेंव. 2018 म मंय हा एनराईड फोन खरीदेंव. पर छंद के छ परिवार ले मंय ह सत्र- 12 म जुड़ेव. 24 मई 2020 म ये ग्रुप ह बनिस.
जब मंय ह वरिष्ठ छंदकार, पुरवाही साहित्य समिति पाटेकोहरा, छुरिया के वरिष्ठ सदस्य आदरणीय राम कुमार चंद्रवंशी जी अउ वरिष्ठ छंदकार,साकेत साहित्य परिषद सुरगी के वरिष्ठ सदस्य आदरणीय महेन्द्र कुमार बघेल मधु जी के छंदबद्ध रचना मन ल पढंव अउ सुनवं त मोरो मन ह छंदबद्ध रचना लिखे के होइस. गुरु देव निगम जी अउ छंद के छ परिवार के नीक उदिम ले परीचित होगे रेहेंव. चंद्रवंशी जी, मधु जी ,खैरझिटिया जी ले छंद के छ परिवार ले जुड़े बर का- का नियम ल पालन करे ल पड़थे येकर जानकारी लेंव. ये दौर कोरोना के दौर घलो रिहिस हे. फेर 2020 म अक्ती के पहिली गुरुदेव निगम जी ल मंय ह मेसेज करके अपन इच्छा ल बतायेंव कि गुरुदेव जी मंय ह छंदबद्ध रचना लिखे के इच्छुक हंव. आप मन के अउ छंद के छ परिवार के गजब सोर सुने हंव गुरुदेव जी. ये निरबुद्धि ल घलो शिष्य स्वीकार कर लेतेंव.
अक्ती के दिन गुरूदेव जी ले सुग्घर गोठ बात होइस. गुरुदेव जी ह घलो नियम मन के जानकारी दिस. छंद के छ परिवार के सुग्घर उद्देश्य ल बताइस. गुरु,- शिष्य परंपरा के बारे म जानकारी दिस अउ यहू बात ल जोर देके किहिस कि कोनो ह यदि छंद के छ परिवार म ये उद्देश्य ले जुड़ना चाहत हे कि मंय ह रातों -रात स्टार बन जाहूं त बिल्कुल मत जुड़े. ये मंच ह तो धीरज अउ मिहनत के मंच हरे. जउन मन नियम ल पालन नइ करय ते मन ल रिमूव्ह घलो करथन.
बहरहाल मंय ह गुरुदेव जी के कृपा ले सत्र -12 म जुड़ गेंव. सबले पहिली मात्रा गिने के नियम सिखाय गिस. गुरु अउ लघु वर्ण के गिने के नियम अउ अपवाद ल घलो बताय गिस. येकर अभ्यास ल मंय ह सहज ढंग ले कर लेंव.
फेर दोहा के अभ्यास चालू होइस त मोला अहसास होइस कि छंद लिखना कत्तिक मिहनत के काम हरे. दोहा म गागर म सागर होना चाही. ये बात गुरुदेव मधु जी अउ गुरुदेव चंद्रवंशी जी
ले जब फोन ले गोठ बात होय त बताय. गलती होय या सही भाव नइ पकड़ पातेंव त ग्रुप म अउ पर्सनल नंबर म घलो बने समझा के बताय अउ मिहनत करे बर प्रेरित करय. दोहा ल बने धियान देके अभ्यास करव त आगू के अभ्यास बर बने होही.
अइसे करके अभ्यास काम म आगू बढ़त गेन. परम पूज्य गुरुदेव निगम जी,गुरुदेव मधु जी, गुरुदेव चंद्रवंशी जी, गुरुदेव आशा दीदी जी, गुरुदेव खैरझिटिया जी, गुरुदेव ज्ञानु मानिकपुरी जी मन ह हमन ल सिखाय के गजब सुग्घर उदिम करिन.
जहां तक मोर अभ्यास के बात हे त मंय हा एकदम जादा अभ्यास नइ कर पायेंव. ये बीच म मंय ह गुरुदेव निगम जी अउ आदरणीय सुधीर शर्मा जी द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर ग्रुप म जुड़ के गद्य विधा म घलो कलम चलाय लगेंव. वहू ग्रुप म मोला गुरुदेव निगम जी अउ आदरणीय जितेन्द्र वर्मा खैरझिटिया जी ह गजब प्रोत्साहित करिन. गुरुदेव जी के ब्लाग" छंद के छ गद्य खजाना" म मोर दू दर्जन के करीब लेख ल स्थान मिले हवय. येकर खातिर मंय ह गुरुदेव निगम जी अउ खैरझिटिया जी के अंतस ले आभार व्यक्त करत हवं.
सत्र _12 म मोला शिष्य के रुप म जोड़ के जउन उपकार करेंव तेकर आभार करे बर मोर पास शब्द नइ हे.
आप मन के नि: स्वार्थ मिहनत के जतकी तारीफ करंव वोहा कम होही.
कमी मोरे म होगे कि आप मन के अपेक्षानुरूप अभ्यास नइ कर पायेंव. कारन जइसे भी रिहिस होही! ये बात के मोला अहसास हे. आप मन म हमन ल छंदबद्ध रचना सिखाय बर जनउ बीड़ा उठाय रेहे हौ वोकर बर मंय ह आप मन कोटिश: धन्यवाद देवत हवं.
काबर कि मंय ह ये छंद के छ परिवार के माध्यम ले जहां गुरु कुल परंपरा ले साक्षात्कार होय हवं त येकर माध्यम ले
मिहनत, अनुशासन अउ धीरज के गुण ल आत्मसात करे के सुग्घर मौका मिलिस जउन ह मोर जिनगी म काम आवत हे अउ आगू आवत रहि. इही ल मंय ह अपन सबले बड़का उपलब्धि मानथवं.
अंत म छंद के छ परिवार के संस्थापक गुरुदेव निगम जी के नि: स्वार्थ सेवा अउ गुरुदेव चंद्रवंशी जी, गुरुदेव मधु जी, गुरुदेव आशा देशमुख जी, गुरुदेव जितेन्द्र वर्मा खैरझिटिया जी, गुरुदेव ज्ञानु मानिकपुरी जी मन के अथक प्रयास बर अब्बड़ अकन धन्यवाद देवत हवं अउ सबो छंद साधक संगवारी मन ल जय जोहार करत अपन अनुभव साझा ल विराम देवत हवं.
जय छंद के छ परिवार
जय जोहार...
ओमप्रकाश साहू "अंकुर"
छंद साधक, सत्र -12
छंद के छ परिवार छत्तीसगढ़
निवास - सुरगी, राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)
मो. 7974666840
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