Monday, 10 May 2021

दूसर स्थापना दिवस समारोह सिमगा की यादें

 दूसरस्थापना दिवस समारोह(13 मई 2018) सिमगा की यादें


छंद के छ के स्थापना के दूसरइया बछर  के उपलक्ष्य मा, दिनांक 13 मई इतवार मंझनिया बेरा, ठउर सिमगा में श्री मनीराम साहू 'मितान' के संयोजन मा राज्य स्तरीय छंद कवि गोष्ठी के सफल आयोजन होइस, जेमा छंदकार श्री चोवा राम 'बादल'के कृति "छंद बिरवा" के सुग्घर समीक्षा श्रीमती शंकुनतला शर्मा अउ श्री संजीव तिवारी जी करीन। छंदकार गुरुदेव श्री अरुण कुमार निगम, श्री सूर्य कांत गुप्ता, श्रीमती आशा देशमुख अउ डॉ नथमल झंवर के आतिथ्य मा विराट छंद कवि गोष्ठी शुभारंभ होइस। जेमा 40 छंदकार मन दोहा, रोला, उल्लाला, कुण्डलिया, रूपमाला, आल्हा, सरसी, छन्न पकैया, सवइया, चौपाई, सार छंद ले गोष्ठी ला सारगर्भित करीन। जम्मो साहित्यकार अउ पहुना मन ला सम्मान पाती दे के सम्मानित करीन। सुग्घर संचालन अजय अमृतांशु जी करीन। एतिहासिक सफल आयोजन बर जम्मो आयोजक टीम ला बहुत बहुत बधाई।





































































































छत्तीसगढ़ी साहित्य म एक नवा जुग के शुरवात....,अब साहित्यकार मन छत्तीसगढ़ी भाखा मा छंद के रचना करत हे।
जौन हमर भाखा अउ साहित्‍य ल नवा दिशा दिही...
#छंद_के_छ एक कक्षा भर नइ हे,मोर नजर म एक अभियान हे जेमा साहित्यकार मन ल छंद के ज्ञान परखा के दे जाथे...
जेखर ले भाखा अउ साहित्‍य ह पोठ होवय..
ए छत्तीसगढ़ी साहित्य के नवा युग के सूत्रधार श्रद्धेय गुरूदेव श्री निगम जी हे।  सोशल मिडिया के माध्यम ले छंद ज्ञान ल साधक (साहित्यकार) मन ल सिखाए जाथे।
वर्तमान समय म छत्तीसगढ़ म अलग अलग लगभग 40 साधक मन ए ज्ञान ल पावत हे..
अउ कुछ साहित्यकार मन के छंद के विषय म किताब भी छप चुके हे,जउन बहुत उपयोगी हे..
#छंद_के_छ कक्षा के स्थापना दिवस दिनाँक 13-05-2018 के सिमगा म मनाए गीस,जिहाँ #छंद_बिरवा नाम के पुस्तक के समीक्षा भी करे गीस।जिहाँ छत्तीसगढ़ के कोन्टा कोन्टा ले साधक मन जुरियाय रिहीन..
महुँ ल ओ ऐतिहासिक कार्यक्रम मा सँघरे के मउका मिलीस...
जउन बड़े भईया Mani Ram Sahu के संयोजन म बहुत ही सफल कार्यक्रम रिहिस,जेमा जम्मो साधक के संग पहुना के रूप म #गुरतुर_गोठ के सम्पादक संजीव तिवारी जी घलो  सफल कार्यक्रम के गवाही बनीस।
सम्मेलन तो बहुत देखे हँव पर ए सम्मेलन सहीन आज तक नइ देखे हँव,जिहाँ हर साधक ल समान भाव ले ,चाहे ओहा सबले जुन्ना हो या मोर असन नवा साधक,सबला एक बरोबर माने गीस,सबो म जो मया अउ एक दूसर बर सम्मान ,बिना कोनो स्वार्थ के समर्पणभाव ,गुरू बर आरूग श्रद्धाभाव, अउ गुरू जउन कभू अपन आप ल गुरू नइ कहिके एक समान्य साधक कहना...अद्भुत भाव
खुशी अउ आनंद म अंतर सिमगा के सम्मेलन म अनुभव करेंव जेन ल शब्द म बताए नइ जा सकय...
मोर बड़ सौभाग्य अउ गर्व के बात ए जउन मैं #छंद_के_छ बिरवा के उल्हा कोंवर पाना अँव...

रामकुमार साहू





















 



1 comment:

  1. वाह वर्मा जी सुग्घर जतन के राखे हव

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