Sunday, 16 November 2025

दीपावली मिलन- 5 नवम्बर 2025

 *छंद के छ परिवार द्वारा दीपावली मिलन समारोह का भव्य आयोजन*


रायपुर, 5 नवंबर 2025 — ऑनलाइन गुरुकुल "छंद के छ परिवार" द्वारा दीपावली मिलन समारोह का आयोजन वृन्दावन हॉल, सिविल लाइन, रायपुर में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। आयोजन का उद्देश्य छंद साधना के माध्यम से साहित्यिक और सांस्कृतिक समरसता को सुदृढ़ करना रहा।


कार्यक्रम का शुभारंभ श्री बलराम चंद्राकर द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा महतारी के वंदन से हुआ। सभी अतिथियों एवं छंद साधक-साधिकाओं का अक्षत-तिलक  और पुष्पहार से आत्मीय स्वागत किया गया। 


मुख्य अतिथि एवं विशिष्टजन:

- मुख्य अतिथि: श्रीमती सरला शर्मा (वरिष्ठ साहित्यकार, भिलाई)  

- अध्यक्ष: डॉ. सुरेश देशमुख (धमतरी)  - विशिष्ट अतिथि: 

- श्री माणिक विश्वकर्मा 'नवरंग' (कोरबा),

-  डॉ. सुधीर शर्मा (रायपुर), 

- श्रीमती सपना निगम (दुर्ग), 

- श्री अरुण कुमार निगम (संस्थापक, छंद के छ)


पुस्तक विमोचन कार्यक्रम:

1. सौंधय सांस सुहावन संगति सवैया संग्रह — रचनाकार: श्री बलराम चंद्राकर | चर्चा: श्री गजराज दास महंत  

2. होही तभे अंजोर — रचनाकार: श्री महेंद्र कुमार बघेल 'मधु' | चर्चा: श्री ओमप्रकाश साहू 'अंकुर'  

3. जंगल-मंगल धाम — रचनाकार: श्री पुरुषोत्तम ठेठवार | चर्चा: श्रीमती आशा देशमुख  

4. सतनाम-संदेशा — रचनाकार: श्री द्वारिका प्रसाद लहरे 'मौज' | चर्चा: श्री मोहनलाल वर्मा  

5. कुकय कोइली बाग म — रचनाकार: श्री कुलदीप सिन्हा 'दीप' | चर्चा: श्री मनीराम साहू 'मितान'  

6. गाँव मया के चलव बसाबो — रचनाकार: श्रीमती सुमित्रा कामड़िया | चर्चा: श्रीमती शोभामोहन श्रीवास्तव  

7. बेटी मंय तोला कैसे पठोहूँ — रचनाकार: डॉ. आशा मेहर 'किरण' | चर्चा: डॉ. मीता अग्रवाल  

8. श्रद्धा के फूल — रकनाकार: श्री कुलदीप सिन्हा 'दीप' | चर्चा: डॉ. जगदीश साहू 'हीरा'  

9. ठउँका केहेस मितान — रकनाकार: श्री कमलेश प्रसाद शर्मा 'बाबू' | चर्चा: श्री चोवाराम वर्मा 'बादल'


कवि सम्मेलन:

पुस्तक विमोचन के पश्चात छंदमय कविसम्मेलन का आयोजन हुआ। लगभग 20 जिलों से 90 छंद साधक-साधिका इस आयोजन में सम्मिलित हुए। मंच संचालन श्री अजय अमृतांशु, श्री जीतेंद्र वर्मा खैरझिटिया, श्री सुनील शर्मा 'नील' एवं डॉ. जगदीश साहू 'हीरा',मनोज कुमार वर्मा ने किया।


अतिथि उद्बोधन:

- डॉ. सुरेश देशमुख ने छत्तीसगढ़ की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की।  

- श्रीमती सरला शर्मा ने छंद रचना के व्याकरण एवं भाव पक्ष पर चर्चा की।  

- श्री माणिक विश्वकर्मा 'नवरंग' ने छत्तीसगढ़ी और हिंदी भाषा के विकास पर विचार रखे।  

- श्रीमती सपना निगम ने राज्य स्थापना दिवस पर रचना पाठ किया।  

- डॉ. सुधीर शर्मा ने छत्तीसगढ़ी भाषा की अस्मिता पर चिंता जाहिर की।


 श्री अरुण कुमार निगम ने "छंद के छ" की कार्यशाला पर प्रकाश डाला। श्री मनीराम साहू 'मितान' ने आभार प्रदर्शन किया।


कार्यक्रम का समापन संध्या समय चाय-बिस्कुट के साथ हुआ। यह आयोजन छत्तीसगढ़ी साहित्य और संस्कृति के संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ।








































































































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