Thursday 18 May 2023

8वां स्थापना दिवस समारोह, समाधान महाविद्यालय बेमेतरा









 

अविस्मरणीय रिहिस छंद के छ के 8वाँ स्थापना दिवस समारोह'-





























 

[5/17, 11:26 AM] ज्ञानू कवि: 'अविस्मरणीय रिहिस छंद के छ के 8वाँ स्थापना दिवस समारोह'-


              बतावत बहुत खुशी होवत हे के ऑनलाइन गुरुकुल छंद के छ के 8वाँ स्थापना दिवस समारोह 14 मई इतवार के बेमेतरा के समाधान महाविद्यालय म सम्पन्न होइस हे। संयोजक श्री ईश्वर साहू आरूग अउ छंद के छ बेमेतरा इकाई रिहिन। 

👉  पहुँचइया छंदकार मन बर गरमेगरम पोहा-जलेबी के नाश्ता अउ  जायकेदार चहा।

👉 बइठे के बेवस्था हवादार, रोशनदार, माइक के आवाज स्पष्ट सुनावत रिहिस।

👉कार्यक्रम के माई पहुना- श्री मोहित राम वर्मा( वरिष्ठ साहित्यकार), अध्यक्ष -डॉ. अवधेश पटेल( संचालक , समाधान महाविद्यालय, बेमेतरा), खास पहुना- डॉ सुधीर शर्मा( विभागाध्यक्ष हिंदी कल्याण महाविद्यालय भिलाई), श्री सत्यप्रकाश सिंह( शिक्षादूत प्रकाशन रायपुर), श्री ताराचन्द माहेश्वरी( समाजसेवी) अउ श्री अरुण कुमार निगम ( संस्थापक छंद के छ) रिहिन।

👉 कार्यक्रम 12 बजे श्री बलराम चंद्राकर द्वारा छत्तीसगढ़ी भाखा महतारी के वंदना अउ सरसती दाई के पूजा अर्चना ले शुरू होइस।

👉 अतिथि मनके स्वागत सत्कार होइस।

👉  श्री चोवाराम बादल द्वारा रचित पहिली किताब  छंदबद्ध छत्तीसगढ़ी महाकाव्य 'श्री सीता राम चरित' के विमोचन होइस, ये किताब ऊपर विचार श्री जितेंद्र कुमार खैरझिटिया रखिन।

👉 श्री चोवाराम बादल द्वारा रचित छत्तीसगढ़ के पहिली चम्पूकाव्य ' हमर आत्मानन्द' के विमोचन होइस,ये किताब ऊपर अपन बात रखिन श्री महेंद्र बघेल ।

👉 श्री चोवाराम बादल द्वारा रचित माटी के चुकिया बालगीत के विमोचन होइस ये किताब ऊपर विचार रखिन श्रीमती इंद्राणी साहू।

👉 श्री मनीराम साहू'मितान' द्वारा रचित किताब 'गजामूँग के गीत' विमोचन होइस, श्री पोखनलाल ये किताब ऊपर अपन व्यक्तव्य रखिन।

👉 श्री बोधनराम निषादराज द्वारा रचित 'हरिगीतिका छंद संग्रह' के विमोचन होइस, श्री अश्विनी कोसरे ये किताब ऊपर अपन सारगर्भित विचार रखिन।

👉 श्री विजेंद्र वर्मा द्वारा रचित 'मनहरण धनाक्षरी संग्रह' के विमोचन होइस, ये किताब ऊपर चर्चा श्री बलराम चंद्राकर करीन।

👉 श्री कन्हैया साहू'अमित' द्वारा रचित 'करता कौन कमाल' हिंदी संग्रह के विमोचन होइस, ये किताब ऊपर श्री मनीराम साहू अपन विचार रखिन।

👉 छत्तीसगढ़ी छंद सम्मान ले सम्मानित करे गिस- श्री चोवाराम बादल( श्री सीताराम चरित), श्री मनीराम साहू'मितान' (गजामूँग के गीत), श्री सुखदेवसिंह अहिलेश्वर'अँजोर' (बगरय छंद अँजोर), श्री बोधनराम निषादराज( छंद कटोरा अउ हरिगीतिका छंद संग्रह), श्री विजेंद्र वर्मा( मनहरण धनाक्षरी संग्रह), शुचि भवि( छंद फुलवारी), श्रीमती धनेश्वरी सोनी गुल( सवैया छंद संग्रह) बर।

👉 स्वादिष्ट भोजन के बेवस्था- गरमेगरम सोहारी, भात, दार, जिमिकान्दा के सब्जी, चेचभाजी, रमकेरिया, बूंदी कढही, सलाद, पापड़ अउ मीठा म गुलाबजामुन।

👉 अतिथि मनके सारगर्भित उद्बोधन।

👉 छंदकार मनके अलग-अलग रंग म रँगे अलग-अलग छंद के प्रस्तुति मन ल मोह लिस।

👉 बीच- बीच म शरबत के ठंडक झन पूछ।

👉 संझा के गरमेगरम नाश्ता अउ चहा ।

👉 श्री अजय अमृतांशु , श्री जितेंद्र खैरझिटिया अउ श्री कमलेश जी के सधे हुवे संचालन मजा आगे।

👉  जम्मो उपस्थित कवि मन ल आयोजक टीम द्वारा डायरी अउ पेन भेंट करीन।

👉 आयोजक टीम के जतका प्रशंसा करे जाय कम हे। जम्मो सदस्य मन तन-मन, धन अउ समर्पित भाव ले काम करीन।


           गुरुदेव के उद्बोधन रहि-रहि कान म गूँजत हे आप मन रिकॉर्ड बनाये बर काम झन करव, इतिहास बनाये बर काम करव। अइसन रिहिस  बेमेतरा म छंद के छ के 8वाँ स्थापना दिवस। आप जम्मो आयोजक टीम ल बहुत साधुवाद, जम्मो छंदकार मन ल बधाई अउ शुभकामना , गुरुदेव के चरण म बारम्बार प्रणाम जिंखर किरपा ले ये संभव हो पाइस हे।



ज्ञानुदास मानिकपुरी

छंद साधक

चंदेनी(कवर्धा)

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 🙏 *आभार प्रदर्शन* 🙏


14 मई 2023 के समाधान महाविद्यालय, बेमेतरा परिसर मा "छन्द के छ" के स्थापना दिवस समारोह, सफलतापूर्वक सम्पन्न होइस।


सबले पहिली आभार उन जम्मो साधक मन के, जिनकर आगमन के कारण समारोह मा चार-चाँद लगिस। आसपास अउ दूर-दराज ले अपन हिरदे मा उछाँह ला संचरत आप मन के अवइ, समारोह के शान ला बढ़ाइस।


आभार, समाधान महाविद्यालय के संचालक मन ला जिन मन ऑडिट चलत रहिस तभो हमर आयोजन बर सभागार, माइक, डायस, टेबल, कुर्सी आदि हर किसम के सुविधा ला न केवल निःशुल्क उपलब्ध कराइन बल्कि अध्यक्षता करे के हमर आग्रह ला खुला मन ले स्वीकार करिन।


आभार, हमर मुख्य अतिथि अउ विशिष्ट अतिथि मन के जिन मन अपन अनमोल समय के संगेसंग अपन प्रेरणादायी उद्बोधन द्वारा हमन ला प्रोत्साहित करिन।


आभार, समाधान महाविद्यालय के स्टॉफ अउ स्वच्छता कर्मी मन के जउन मन के कारण हमन ला साफ सुथरा परिसर मिल पाइस।


आभार, श्री दुर्गाप्रसाद टिकरिहा जी के जिन मन के सौजन्य ले हमन ला बहुते कम बजट मा बिहिनिया के स्वादिष्ट नाश्ता, मँझनिया के घर असन पौष्टिक खाना अउ साँझ के नमकीन नाश्ता तको उपलब्ध हो पाइस। उल्लेखनीय हे कि टिकरिहा जी हमर छन्द साधिका श्रीमती संगीता वर्मा के बड़े भइया आँय।


आभार, उन जम्मो रसोइया अउ खाना परोसइया के, सभागार मा नमकीन, पानी, चाय सर्व करइया के जिनकर कारण सबके मन ला तृप्ति मिलिस हे।


आभार, ज्ञानुदास मानिकपुरी जी के जिनमन परिवार अउ नौकरी के भारी व्यस्तता के बावजूद कम्प्यूटर सेंटर मा बइठ के फ्लैक्स, बैनर, नेवता-पाती, प्रशस्ति-पत्र, सम्मान-पत्र के त्रुटिहीन सुग्घर डिज़ाइन तैयार करवा के सही समय मा संयोजक टीम ला उपलब्ध कराइन। 


आभार, कम्प्यूटर डिज़ाइनर के जिन मन हमन आशा अनुरूप डिज़ाइन बनाके हमन ला आकर्षक अउ त्रुटिहीन सामग्री उपलब्ध कराइन।


आभार, अजय अमृतांशु जी, जीतेन्द्र वर्मा "खैरझिटिया" जी, बलराम चन्द्राकर जी के जिनमन "कार्यक्रम प्रबंधन" नाम के विशेष अउ आकस्मिक समूह बनाके प्रिंटिंग मटेरियल ला जाँचे मा सहयोग प्रदान करिन। 


आभार, छन्द के छ के उन समर्पित साधक मन ला जउन मन कठिन साधना करके अपन सृजन ला किताब के रूप मा प्रकाशित करवा के हमर गौरव बढ़ाइन। आज हम देश दुनिया के सामने सीना ठोक के बोल सकथन कि छत्तीसगढ़ी भाषा के साहित्य आज बहुत मजबूत स्थिति मा आ चुके हे।


आभार, उन रचनाकार मन ला जिन मन अपन किताब हमर "बुक-स्टॉल" ला निःशुल्क प्रदान करिन।


आभार, उन पुस्तक-क्रेता मन ला जिनकर सहयोग के कारण हमन ला ₹6900/- के अतिरिक्त आय मिलिस जेला आयोजन के खर्चा-मद मा समायोजित करे जाही।


आभार, बेमेतरा अंचल के जम्मो साधक मन ला जिनमन बेमेतरा मा मुख्यालय नइ रहे के बावजूद समय-समय मा मीटिंग करके योजना ला मूर्त-रूप प्रदान करिन। कार्य के संतुलित-विभाजन, निस्संदेह ये आयोजन के सफलता के रीढ़ के हड्डी कहे जाही।


आभार, उन जम्मो छन्द साधक मन के जिनमन अपरिहार्य कारणवश आयोजन मा उपस्थित नइ हो पाइन फेर उनकर आभासी उपस्थिति ला हमन महसूस कर डारेन।


आभार, उन सब झन के जिन मन के उल्लेख मँय अपन अज्ञानता के कारण ऊपर मा नई कर पाये हँव।


*अरुण कुमार निगम*

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[5/17, 10:47 PM] अजय अमृतांसु: *मया पाती छन्द परिवार के नाँव के ...*


प्रणम्य गुरुदेव के श्री चरण मा बारम्बार पैलगी🙏


छन्द परिवार के गुरुदेव मन ल सादर प्रणाम, साधक भाई/ बहिनी मन ला जय जोहार।


गुरुदेव के आशीर्वाद अउ आप सब के मया पा के मैं अभिभूत अउ निःशब्द हँव। आभार/धन्यवाद जइसन शब्द आप सबके मया के आघू बहुत छोटे हवय। 


परिवार के एक-एक सदस्य के ख्याल रखना, उँकर सुख-दुख मा आत्मीयता ले शामिल होना ये केवल छन्द परिवार मा ही संभव हवय, वरन आज के भौतिकवादी युग मा ककरो करा समय नइ हे। ये छन्द परिवार के विशेषता रहे हे कि इहाँ सबो झन आत्मीयता ले जुड़े हन, इहाँ कोई दिखावा नइ हे। कोई आडम्बर नइ हे। न कोनो छोटे हे न कोनो बड़े, न कोनो ला पद के लालसा न कोनो ला मान सम्मान के। अइसन आदर्श परिवार के मैं सदस्य आँव येकर ले बढ़ के अउ का खुशी हो सकथे ?


रामायण मा देखे रहेंव कि वाल्मीकि जी हा कइसे अपन पूरा के पूरा ज्ञान लव कुश ला एक पल मा दे देथे । अइसन विद्या जेकर सामने अयोध्या के चतुरंगी सेना घलो परास्त हो जथे । लव कुश के मुकाबला लक्ष्मण,भरत,शत्रुघ्न घलो नइ कर सकय अउ घायल हो जाथे ये केवल गुरुकृपा ले ही सम्भव हे। बिना गुरु के आप भगवान के भी दर्शन नइ कर सकव ये यथार्थ सत्य ये ।


छन्द परिवार मा गुरुकृपा ले छ्न्द के ज्ञान मिलिस। मान सम्मान के संग अतका सुग्घर परिवार मिलिस जेन हर दुःख सुख मा 24 घंटा खड़े हावय । एक दूसर के सुख दुख पूछईया संगी साथी मिलिस मनखे ला अउ का चाही..। परिवार म रहि के छत्तीसगढ़ महतारी के सेवा करत हन भाखा ल पोठ करे बर गुरुदेव जेन यज्ञ रचे हवय वोमा आहुति देवत हन। 


छन्द परिवार के मया/दुलार अइसने बने रहय इही इही आशा के संग ...


सादर

*अजय अमृतांशु*

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[5/18, 11:48 AM] अशोक धीवर जल: 

सब ले बढ़िया काम मोला लगिस कि ग्रुप फोटो पहिलीच ले ले डरे रिहीस। काबर कि आखिरी म ग्रुप फोटो लेय म बहुत से साधक मन घर चल दिए रइथे, त आधा - अधूरा हो जथे। हांलांकि पहिली खींचे गे हे तभो ले मोर फोटो नइ आ पाईस।काबर कि मँय खुदे एक बजे पहुँचे हंव। तभो ले मोर मन माड़ गे। पूज्य गुरुदेव ले आग्रह करेंव कि मोर साधक शिष्य सत्र -15 मन आपके साथ फोटो खीचवाना चाहत हे गुरुदेव। त तुरते अपन सहमति दे दिस। मोला अब्बड़ खुशी मिलीस कि मोला गुरुदेव के आशीर्वाद मिलगे। काबर कि मँय काखरो ले पहिली बात करे बर बहुत घबराथँव। संकोची स्वभाव के हाबँव। फोटो खींचवाय बर घलो पिछवाय रइथंव। गुरुदेव संग मोर फोटो आही कहिके मनेमन अब्बड़ खुश होवत रहेंव।

     देरी म आय के कारण जम्मोझन ले क्षमा मांगत हँव। दरअसल एक्सीडेंट के बाद घर के मन मोला अकेल्ला कोनो मेर नइ जावन दंँय। लंबा सफर हे कइके आना केंसिल होगे रिहीस लेगइया नइ रिहिस। तभे मोर समधी महराज ह आगे। त उही ल चले बर कहेंव, त कइथे कइथे मँय बाहिरी ल नइ बइठन दिही त ? मँय कहेंव उहां जाके देखबे त कहिबे। अभी तो मोला लेग साहेब। 

        फेर इहां आय के बाद जम्मो कार्यक्रम ल देख के ओखर विचार बदल गे। नतमस्तक भाव ले कहिस कि धन्य हव आपमन जेन अइसन संस्था ले जुड़े हव। धन्य हे आपके गुरूदेव जेन अतेक बड़का होय के बाद भी सरल सहज अउ नरम भाव ले सबके संग मिलथे। अउ धन्य हे आपके शिष्य जेमन बड़े बड़े पद म कार्यरत रहे के बाद भी आपके चरण छू के आदर भाव ले आप संग बतियाथे। धन्य हे वो अतिथि मन जेन सबके रचना ल ध्यान देके सुनिस। धन्य हे वो कवि (साधक) मन जेन मात्र 3 मिनट म अपन कविता पढ़िस।धन्य हे उंहा के संयोजक दल जेखर कारण मँय अंजान ह घलो सब के संग एके जइसन भोजन पांयेंव। धन्य हे उंहा के अनुशासन, समय संयोजन अउ बड़े कार्रवाई ल संक्षिप्त म सफलता पूर्वक निपटायके तरीका। धन्य हे पुस्तक दान करइया अउ धन्य हे ओला लेवइया। धन्य हे वो संचालक मन जेन दुरिहा के जवइया मन ल आगू मौका दिस। धन्य हे वो कवियित्री (साधिका बहिनी) मन जेन अपन घर बार छोड़ के आके साहस देखाइन। धन्य हे सम्मानित होवइया कवि अउ धन्य हे वो कवि जेखर पुस्तक विमोचन होइस।

    अतका ल सुनके मोर बर काय बांचिस जेला कहँव। समझ नइ आवत हे। एकेठन बाँचगे - गुरुदेव सहित जम्मो गुरु जी मन ल सादर प्रणाम अउ जम्मो साधक भाई बहिनी मन ल जय जोहार।


अशोक धीवर "जलक्षत्री"

साधक सत्र- 7 

तुलसी (तिल्दा-नेवरा)

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[5/18, 11:51 PM] ओम प्रकाश अंकुर: रिपोर्ताज 


छंद के छ के माध्यम ले छत्तीसगढ़ी साहित्य समृद्ध होवत हे -  वर्मा


अरुण निगम छंद के छ विश्व विद्यालय के कुलपति हे -   शर्मा 


छंद के छ स्थापना दिवस समारोह मा सौ साहित्यकार सामिल होइस 


छंद के छ परिवार का स्थापना दिवस समारोह संस्थापक गुरुदेव अरुण कुमार निगग जी के प्रेरणा ले जिला इकाई बेमेतरा अउ वरिष्ठ छंदकार ईश्वर साहू  आरूग के संयोजन मा समाधान महाविद्यालय बेमेतरा मा आयोजित होइस.  येमा बीस जिला के सौ छंदकार, साहित्यकार शामिल होइस.कार्यक्रम के माई पहुना मोहित वर्मा वरिष्ठ साहित्यकार बेमेतरा, अध्यक्षता अवधेश पटेल, संचालक, समाधान कालेज बेमेतरा हा करिन. खास पहुना मन मा वरिष्ठ साहित्यकार डा. परदेशी राम वर्मा,  अविनाश तिवारी जी, ताराचंद माहेश्वरी समाज सेवी, डा. सुधीर शर्मा हिंदी विभागाध्यक्ष ककल्याण कालेज भिलाई ,सत्य प्रकाश सिंह प्रकाशक, शिक्षा दूत, रायपुर, सूर्यकांत गुप्ता वरिष्ठ साहित्यकार,छंदकार रायपुर, दिनेश गौतम साहित्यकार बेमेतरा,  टिकरिहा जी हा सामिल रिहिन. ये गरिमामय आयोजन मा अपन बिचार व्यक्त करत माई पहुना वर्मा जी हा किहिन कि छंद के छ के माध्यम ले छत्तीसगढ़ मा जउन प्रकार ले पद्य अउ गद्य विधा मा सरलग काम चलत हे वोहा ये सुग्घर आयोजन ले जग जाहिर होवत हे. कार्यक्रम के अध्यक्ष अवधेश पटेल हा अपन विचार राखत किहिस कि छंद के छ परिवार हा छंद विधा ला पुनर्जीवित करत हे. येकर माध्यम ले छत्तीसगढ़ी साहित्य हा समृद्ध होवत हे. विशिष्ट अतिथि ताराचंद माहेश्वरी हा किहिन कि अरूण निगम जी हा छंद के छ परिवार के माध्यम ले  हमर छत्तीसगढ मा एक साहित्यिक आंदोलन खड़े कर दे हावय. सुधीर शर्मा जी हा अपन विचार राखत निगम जी ला छंद के छ परिवार के कुलपति बताइस.वोहर किहिस कि जउन प्रकार ले निगम जी अउ उंकर छंद परिवार हा छंदबद्ध रचना अउ छत्तीसगढ़ी गद्य मा कारज करत हावय वोहा एक मिसाल हरे. छंद के छ परिवार के संस्थापक,छंदविद गुरुदेव अरुण कुमार निगम हा अपन विचार व्यक्त करत किहिन कि कोनो रिकार्ड बनाना बड़े बात नोहे बल्कि इतिहास बनाना बड़े बात हरे. हमर छंद के छ परिवार इतिहास बनाय मा विश्वास राखथे. येकर प्रमाण आज बेमेतरा मा आयोजित ये कार्यक्रम हा हरे जेमा पद्य अउ गद्य विधा के नौ  पुस्तक के विमोचन होइस. 


येकर ले पहिली माता सरस्वती अउ छत्तीसगढ़ महतारी के पूजा अर्चना के संग कार्यक्रम के शुरूआत होइस. अतिथि मन के स्वागत कार्यक्रम के संयोजक ईश्वर साहू आरूग, बलराम चंद्राकर,सुनील शर्मा नील,हरीश पटेल हर, नारायण वर्मा,लीलेश्वर देवांगन,दीपक निषाद,राज कुमार निषाद, ईश्वर निषाद,दीपक पटेल,संगीता वर्मा, केंवरा यदु इन्द्रानी साहू सहित आने छंदकार मन करिन.


   पुस्तक विमोचन अउ छंद रतन सम्मान 


ये गरिमामय आयोजन मा नौ पुस्तक के विमोचन होइस.  जेमा चोवा राम वर्मा बादल,मनी राम साहू मितान,बोधन राम निषाद, विजेन्द्र वर्मा,कन्हैया साहू अमित, सुखदेव सिंह अहिलेश्वर, द्वारिका प्रसाद लहरे, धनेश्वरी गुल,शुचि भवि, जगदीश साहू हीरा के कृति सामिल हे.  द्वितीय सत्र मा विमोचित पुस्तक के रचनाकार मन ला छंद रतन सम्मान ले सम्मानित करे गिस. विमोचित कृति पर महेन्द्र कुमार बघेल, जितेन्द्र वर्मा खैरझिटिया, इन्द्रानी साहू, पोखन लाल जायसवाल, अश्वनी कोसरे, बलराम चंद्राकर,मनी राम साहू मितान मन हा चर्चा करिन.


तीसरा सत्र मा छंदमय कवि सम्मेलन


कार्यक्रम के तीसरा सत्र मा उपस्थित छंदकारों द्वारा छंदबद्ध कविता पाठ किया गया. सभी प्रतिभागी कवि मन ला  मया चिन्हा के रूप मा डायरी अउ प्रशस्ति पत्र भेंट करे गिस. कार्यक्रम के संचालन प्रथम अउ द्वितीय सत्र के अजय साहू अमृतांशु, तीसरा सत्र के जितेन्द्र वर्मा खैरझिटिया,कमलेश वर्मा,राज कुमार निषाद हा करिन. 

कार्यक्रम मा  ज्ञानु दास मानिकपुरी, मिलन मलरिहा, राम कुमार चंद्रवंशी,कौशल साहू, सुमित्रा कामड़िया,राज कुमार चौधरी रौना,मोहन वर्मा, ओमप्रकाश साहू अंकुर, गजराज दास महंत,मिनेश साहू,लखन लाल साहू लहर, राम कुमार साहू,कमलेश शर्मा बाबू,हेम लाल साहू,मोहन निषाद,अशोक धीवर, नंद कुमार साहू नादान,दूज राम साहू, ओमप्रकाश पात्रे,डा. अशोक आकाश,नीलम जायसवाल, सुमित्रा कामड़िया, प्रिया देवांगन के संगे संग आने छंदकार, साहित्यकार मन उपस्थित रिहिन. 


         -  ओमप्रकाश साहू "अंकुर"


       छंद साधक, सत्र -12

    छंद के छ, छत्तीसगढ़


निवास -  सुरगी, राजनांदगांव

  ( छत्तीसगढ़)

मो. 7974666840

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"मोर दिल के गोठ"

शुचि 'भवि'

(छंद साधिका,छंद के छ)


छंद के छ के स्थापना दिवस समारोह

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आदरणीय अरुण निगम जी जेन ह छंद के छ  परिवार के मुखिया हवें अउ

वरिष्ठ -कनिष्ठ सब्बो छंदकार अउ साधक मन ला मोर नमन


 समाधान महाविद्यालय बेमेतरा मा आयोजित  होइस छंद के छ के मिलन समारोह, स्थापना दिवस के सेती, येमा बीस जिला के सौ छंदकार, साहित्यकार शामिल होइस.कार्यक्रम के माई पहुना मोहित वर्मा वरिष्ठ साहित्यकार बेमेतरा, अध्यक्षता अवधेश पटेल, संचालक, समाधान कालेज बेमेतरा हा करिन. खास पहुना मन मा वरिष्ठ साहित्यकार डा. परदेशी राम वर्मा,  अविनाश तिवारी जी, ताराचंद माहेश्वरी समाज सेवी, डा. सुधीर शर्मा हिंदी विभागाध्यक्ष ककल्याण कालेज भिलाई ,सत्य प्रकाश सिंह प्रकाशक, शिक्षा दूत, रायपुर, सूर्यकांत गुप्ता वरिष्ठ साहित्यकार,छंदकार रायपुर, दिनेश गौतम साहित्यकार बेमेतरा,  टिकरिहा जी हा सामिल रिहिन. 


ये गरिमामय आयोजन मा महुँ हिस्सा बने हँव ईश कृपा ले।

 अपन बात मँय हर दु बिंदु मा केंद्रित होके करहुँ।


पहिली-मोला सबले बने का लागिस हे?

पूरब-दक्ष वर्मा के आगमन

परिवार मा लइका मन के कमी पूरा होगिस अबकी आयोजन/मिलन मा।

भावी पीढ़ी ला छंद के, परिवार के, सु-आयोजन के संस्कार मिलिस हवे, ये मोर बर बड़ ख़ुशी के बात रिहिस।मोला अइसन कतको आयोजन मा, मोर ददा डॉ त्रिलोकी नाथ क्षत्रिय लेगे रिहिस अउ संस्कारित करे रिहिस जेकर कारण से मंय हर आनी-बानी लिखत हँव।


दूसरा-मोला सबले ख़राब का लागिस हवे?

आदरणीय निगम जी के गोठ मोर आँखी मा आँसू ला दिस।जाए के बेरा मा निगम जी बोलिन हंवे, भवि अपन किताब लेग जा,जेन हर नई बिके हवे।मय सोचे हंव, बिहनिया देखे रहेंव निगम जी ला बोरा भर पुस्तक ला लावत,पिछले आयोजन के बाँचे रिहिस त मुश्किल होए लेगे मा एति ओती, ऐखर सेती लौटात होहिं गुरुजी 

मगर पास गे हँव त गुरुजी बोलिन-"मोर जीवन के का भरोसा, अपन अपन पुस्तक सँभालो"। अभी लिखे के बेरा मा घलव आँख भर गिस हवे।

परिवार के मुखिया ला अइसन गोठ नइ बोलना चाहिए। कोनो भी अमर पट्टा लिखा के नइ आये हे, सबला जाना ही है, फेर अइसन बात मोला सुने मा अच्छा नइ लागिस हे। आपमन सौ साल जियो, इही मोर शुभकामना हवे।


  छंद के छ के माध्यम ले महू छत्तीसगढ़ी मा लिखे बर, बोले बर सीखतेच हँव।सबमन गुरुकुल कहिथें, मय ह परिवार कहिथों।काबर कि गुरुकुल मा शिक्षा ले के बाद विदा हो जाथें मगर इहाँ जुड़त जाथें अउ बढ़त जाथें।घर ले निकले ले पहुँचे तक के खबर , घर के मुखिया ला देना पड़थे, परिवार मा ही, गुरुकुल मा नइ लागे अइसन खबर देना।


मय एक अब्बड़ सुग्घर परिवार के आठवां स्थापना दिवस मिलन समारोह के हिस्सा बने हँव अउ सम्मान रूपी आशीर्वाद पाए हों, नत्मस्तक हो आपमन के धन्यवाद करत हँव।


अंत मा एक बात एक शिक्षिका के नाते बोलत हँव।30 साल होगिस पढ़ात पढ़ात, त हिम्मत कर के बोलत हँव, क्षमा करहु आपमन।अबतक 6 मिलन समारोह मा सम्मिलत होए के मौका मिलिस हवे, उत्तरोत्तर डिसिप्लिन मा कमी दिखिस हवे। अपन वीडियो रिकॉर्डिंग ला भेजत हँव, आपमन सुन लेव, माइक मा बोलइया के आवाज़ अउ आनी आवाज़ ल।मोर इशारा मात्र हे। छंद के छ के डिसिप्लिन के उदाहरण मय लइका मन ला स्कूल मा देवत हँव प्रोग्राम के समय।

परिवार मोर हे, एखरे सेती बोल पड़े हँव काकरो के मन दुखाना मोर उद्देश्य नो हे।मोला माफ़ करहु 🙏🏻


आयोजक-संयोजक- बेमेतरा टीम ला गाड़ा गाड़ा बधाई।

सब्बो ला जय जोहार!


Friday 17 March 2023

अनुभव साझा सप्ताह

 अनुभव साझा सप्ताह


   आदरणीय गुरुदेव अरुण कुमार निगम जी, गुरुदेव राम कुमार चंद्रवंशी जी, गुरुदेव महेन्द्र कुमार बघेल मधु जी, गुरुदेव जितेन्द्र वर्मा जी, गुरुदेव चोवा राम वर्मा जी,गुरुदेव दीदी आशा देशमुख जी, गुरुदेव बलराम चंद्राकर,गुरुदेव ज्ञानु मानिकपुरी जी सहित सबो गुरुदेव, गुरु दीदी मन ल सादर प्रणाम करत हंव. जम्मो छंद साधक संगवारी मन ल जय जोहार हे. 


सबले पहिलि मंय ह परम पूज्य गुरुदेव निगम जी अउ गुरुदेव जी मन ले क्षमा चाहता हवं कि अपन अनुभव साझा करे बर देरी कर पड़ेंव. मोला माफी देहू. 

   फेसबुक, व्हाट्सएप के माध्यम ले मंय ह छंद के छ परिवार के सोर ल जानेंव. 2018 म मंय हा एनराईड मोबाइल खरीदेंव. पर छंद के छ परिवार ले मंय ह सत्र- 12 म जुड़ेव. 24 मई 2020 म ये ग्रुप ह बनिस. 


    जब मंय ह पुरवाही साहित्य समिति पाटेकोहरा के वरिष्ठ सदस्य आदरणीय राम कुमार चंद्रवंशी जी अउ साकेत साहित्य परिषद सुरगी के वरिष्ठ सदस्य आदरणीय महेन्द्र कुमार बघेल मधु जी के छंदबद्ध रचना मन ल पढंव अउ सुनवं त मोरो मन ह छंदबद्ध रचना लिखे के होइस. गुरु देव निगम जी अउ छंद के छ परिवार के नीक उदिम ले परीचित होगे रेहेंव. चंद्रवंशी जी, मधु जी ,खैरझिटिया जी ले छंद के छ परिवार ले जुड़े बर का-  का नियम ल पालन करे ल पड़थे येकर जानकारी लेंव. ये दौर कोरोना के दौर घलो रिहिस हे. फेर 2020 म अक्ती के पहिली गुरुदेव निगम जी ल मंय ह मेसेज करके अपन इच्छा ल बतायेंव कि गुरुदेव जी मंय ह छंदबद्ध रचना लिखे के इच्छुक हंव. आप मन के अउ छंद के छ परिवार के गजब सोर सुने हंव गुरुदेव जी. ये निरबुदृधि ल घलो शिष्य स्वीकार कर लेतेंव.

  अक्ती के दिन गुरूदेव जी ले सुग्घर गोठ बात होइस. गुरुदेव जी ह घलो नियम मन के जानकारी दिस. छंद के छ परिवार के सुग्घर उद्देश्य ल बताइस. गुरु शिष्य परंपरा के बारे म जानकारी दिस अउ यहू बात ल जोर देके किहिस कि कोनो ह यदि छंद के छ परिवार म ये उद्देश्य ले जुड़ना चाहत हे कि मंय ह रातों -रात स्टार बन जाहूं त बिल्कुल मत जुड़े. ये मंच ह तो धीरज अउ मिहनत के मंच हरे. जउन मन नियम ल पालन नइ करय ते मन ल रिमूव्ह घलो करथन. 

   बहरहाल मंय ह गुरुदेव जी के असीम अनुकम्पा ले सत्र -12 म जुड़ गेंव. सबले पहिली मात्रा गिने के नियम सिखाय गिस. गुरु अउ लघु वर्ण के गिने के नियम अउ अपवाद ल घलो बताय गिस. येकर अभ्यास ल मंय ह सहज ढंग ले कर लेंव. 

   फेर दोहा के अभ्यास चालू होइस त मोला अहसास होइस कि छंद लिखना कत्तिक मिहनत के काम हरे. दोहा म गागर म सागर होना चाही. ये बात गुरुदेव मधु जी अउ गुरुदेव चंद्रवंशी जी

ले जब फोन ले गोठ बात होय त बताय. गलती होय या सही भाव नइ पकड़ पातेंव त ग्रुप म अउ पर्सनल नंबर म घलो बने समझा के बताय अउ मिहनत करे बर प्रेरित करय. दोहा ल बने धियान देके अभ्यास करव त आगू के अभ्यास बर बने होही. 

    अइसे करके अभ्यास काम म आगू बढ़त गेन. परम पूज्य गुरुदेव निगम जी,गुरुदेव मधु जी, गुरुदेव चंद्रवंशी जी, गुरुदेव आशा दीदी जी, गुरुदेव खैरझिटिया जी, गुरुदेव ज्ञानु मानिकपुरी जी मन ह हमन ल सिखाय के गजब सुग्घर उदिम करिन.


   जहां तक मोर अभ्यास के बात हे त मंय हा एकदम जादा अभ्यास नइ कर पायेंव. ये बीच म मंय ह गुरुदेव निगम जी अउ आदरणीय सुधीर शर्मा जी द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर ग्रुप म जुड़ के गद्य विधा म घलो कलम चलाय लगेंव. वहू ग्रुप म मोला गुरुदेव निगम जी अउ आदरणीय जितेन्द्र वर्मा खैरझिटिया जी ह गजब प्रोत्साहित करिन. गुरुदेव जी के ब्लाग" छंद के छ गद्य खजाना" म मोर दू दर्जन के करीब लेख ल स्थान मिले हवय. येकर खातिर मंय ह गुरुदेव निगम जी अउ खैरझिटिया जी के अंतस ले आभार व्यक्त करत हवं.


सत्र _12 म मोला शिष्य के रुप म जोड़ के जउन उपकार करेंव तेकर आभार करे बर मोर पास शब्द नइ हे. 

आप मन के नि: स्वार्थ मिहनत के जतकी तारीफ करंव वोहा कम होही. 

कमी मोरे म होगे कि आप मन के अपेक्षानुरूप अभ्यास नइ कर पायेंव. कारन जइसे भी रिहिस होही! ये बात के मोला अहसास हे. आप मन म हमन ल छंदबद्ध रचना सिखाय बर जनउ बीड़ा उठाय रेहे हौ वोकर बर मंय ह आप मन कोटिश: धन्यवाद देवत हवं.

काबर कि मंय ह ये छंद के छ परिवार के माध्यम ले जहां गुरु कुल परंपरा ले साक्षात्कार होय हवं त येकर माध्यम ले 

मिहनत, अनुशासन अउ धीरज के गुण ल आत्मसात करे के सुग्घर मौका मिलिस जउन ह मोर जिनगी म काम आवत हे अउ आगू आवत रहि. इही ल मंय ह अपन सबले बड़का उपलब्धि मानथवं.

 अंत म छंद के छ परिवार के संस्थापक गुरुदेव निगम जी के नि: स्वार्थ सेवा अउ गुरुदेव चंद्रवंशी जी, गुरुदेव मधु जी, गुरुदेव आशा देशमुख जी, गुरुदेव जितेन्द्र वर्मा खैरझिटिया जी, गुरुदेव ज्ञानु मानिकपुरी जी मन के अथक प्रयास बर अब्बड़ अकन धन्यवाद देवत हवं अउ सबो छंद साधक संगवारी मन ल जय जोहार करत अपन अनुभव साझा ल विराम देवत हवं. 


  जय छंद के छ परिवार


           जय जोहार...


            ओमप्रकाश साहू "अंकुर"


        छंद साधक, सत्र -12


        छंद के छ परिवार छत्तीसगढ़ 


       निवास - सुरगी, राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)

       मो.  7974666840

Monday 6 February 2023

विमोचन पाँखी काटे जाही, गजल संग्रह


















           आप सबो के आशिर्वाद ले सकेले मोर छोटकुन उदिम "" पाँखी काटे जाही "" छत्तीसगढ़ी गजल संग्रह के विमोचन सृजन संवाद भवन शा. दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव मा गुरुजन साहित्यकार विद्वान सुधिजन के उपस्थिति मा होइस। जेमा गुरुदेव अरूण कुमार निगम जी गुरुदेव डा. दादूलाल जोशी जी शोध निदेशक डा. शंकरमुनी राय जी राजीव यदू दीनदयाल साहू के सँग वरिष्ठ साहित्यकार मन के सहयोग अउ आशिर्वाद मिलिस। आप सबो के आशिष बने रहय।